5/29/12

Ashish Pandey


हमारे द्वारा लिखी गयी कुछ पंक्तियाँ ...........कृपया ध्यान दे .....


                             

आज मैं और मेरी तन्हाई ये बातें करते हैं ....
की काश ऐसा नहीं होता तो क्या बात होती ?
दुनिया बालों की बातें इस कदर याद नहीं आई होती .........
कहते तो सब थे की चीज तू भी बड़े काम की है ........
लेकिन हमें तो उसकी यादें आज भी याद आई है....

वो दिन ,वो शाम वो रातों का कहर ....याद आता है मुझको वो सब शामो सहर इस कदर .....
जब हम आते थे ट्रेन की रफ़्तार में....दिल झूमता रहता था....सिर्फ तेरे ही प्यार में...
जब हम पहुचते हैं गलियों में अपनी.......दिल डूब जाता है ...तेरे ही खुमार में ....

                                                   

मोहब्बत की झूठी कसमे खाने वाले ...थोड़ी सी तो शर्म करो......
कम से कम एक बार प्यार करने से पहले उस खुदा से तो डरो.....




Warm Regards


Ashish pandey

2 comments :

  1. ye Rashme ye kashme sab jhute hein..Sacha to bas
    Apki sadgi hi sir..

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    1. Thanks Bro.......More lines r ready 2 come.....

      Abhi to yeh angdai hai aage aur kahani hai...

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